एजेंसी। दुनिया के सबसे बड़े योग गुरु के रूप में फेमस बी.के.एस अयंगर ने 16 साल की उम्र में योग सीखना शुरू किया था और वे 90 साल की उम्र में भी कठिन योग करते थे। उन्होंने बेल्जियम की रानी एलिजाबेथ को 80 साल की उम्र में शीर्षासन करवाया था।टाइम मैगजीन ने उन्हें 100 प्रभावशाली लोगों की सूची में शामिल किया था।अयंगर ने योग के कई आसनों की खोज की है।अयंगर योग के जन्मदाता थे ‘गुरूजी’. ‘अयंगर योग’ के इस जन्मदाता को दुनिया ‘गुरुजी’ के नाम से जानती है। अयंगर का जन्म 14 दिसंबर, 1918 को वेल्लूर के गरीब परिवार में हुआ था। वे अपने माता-पिता की 11वीं संतान थे। एक इंटरव्यू में बी.के.एस अयंगर ने स्वीकार किया था कि वह बचपन में बेहद कमजोर थे और अक्सर बीमार रहते थे। बचपन में उन्हें टीबी, डेंगू और मलेरिया बीमारियों से जूझना पड़ा। इन बीमारियों से बचने के लिए डॉक्टरों ने उन्हें योग करने की सलाह दी। अपने आप को फिट रखने के लिए शुरू किए इस योग को अयंगर ने जीवनपर्यंत जारी रखा और इस तरह वह बने विश्व के सबसे लंबी उम्र तक जीवित रहने वाले सबसे बड़े योग गुरु। 1937 में अयंगर ने पुणे के डेक्कन जिमखाना में बतौर योग शिक्षक लोगों को योग का प्रशिक्षण देना शुरू किया।
9 जून 1943 को उन्होंने राममणि से विवाह किया। योगगुरु की पांच बेटियां और एक बेटा है। उनकी बड़ी बेटी गीता और बेटा प्रशांत पुणे के जाने माने शिक्षक हैं।
1950 के दशक के आखिरी वर्षों में उन्होंने बेल्जियम की क्वीन मदर, क्वीन एलिजाबेथ, को अस्सी से अधिक की उम्र में शीर्षासन सिखाया। इस कामयाबी से महारानी इतनी खुश हुईं कि उन्होंने अयंगर को अपने हाथों से गढ़ी मूर्ति गिफ्ट की थी। बीकेएस अयंगर 90 साल की अवस्था में भी योग के लिए समय निकाला करते थे। उनके करीबियों की मानें तो वह प्रति दिन 3 घंटे आसन और हर घंटे प्राणायाम करते थे।। वह 200 से ज्यादा क्लासिकल योगासन और 14 प्रकार के प्राणायाम कर लेते थे। उन्होंने विकलांगों के लिए विशेष योग मुद्रा तैयार की थी। टाइम मैगजीन ने 2004 में दुनिया के सबसे प्रभावशाली 100 लोगों की सूची में उनका नाम शामिल किया था और इसी वर्ष उन्हें पद्मविभूषण से भी सम्मानित किया गया था।
उनके अनुयायी न सिर्फ भारत में, बल्कि पूरे विश्व में मौजूद हैं। उन्होंने 78 देशों में जाकर वहां के लोगों को योग की शिक्षा दी। चीन समेत पूरे विश्व में उनके 30 हजार से ज्यादा शिष्य हैं। पूरे विश्व में 20 हजार सर्टिफाइड योगा टीचर उन्हें अपना गुरु मानते हैं। पूरे विश्व में 200 अयंगर योग संस्थान अभी भी संचालित हो रहे हैं। बीकेएस आयंगर ने योग पर कई किताबें भी लिखी, जिसमें ‘लाइट ऑफ योग’, ‘लाइट ऑफ प्राणयाम’ प्रमुख हैं। इसके अलावा उन्होंने योग और दर्शनशास्त्र पर लाइट ऑन योगा, लाइट ऑन प्राणायाम और लाइट ऑन योगा सूत्र ऑफ पतंजलि किताबें भी लिखी।
उनके शिष्यों में क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर, प्रो. देवधर, मार्टिन क्रो, अनिल कुंबले, श्रीनाथ, राहुल द्रविड़, वीरेंद्र सहवाग, लाला अमरनाथ, दिलीप वेंगसरकर, जे कृष्णमूर्ति, जय प्रकाश नारायण, अच्युत पटवर्धन, आचार्य अत्रे, एल्डस हक्सले जैसे बड़े नाम शामिल थे। बी.के.एस अयंगर को 1991 में पद्म श्री, 2002 में पद्म भूषण और 2014 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था। किडनी की लंबी बीमारी के बाद योग गुरु बीकेएस अयंगर का 96 साल की उम्र में 20 अगस्त, 2014,को पुणे में निधन हो गया। फोटो Twitter से