स्मृति शेष। इब्राहिम अल्काज़ी भारतीय रंगमंच के प्रसिद्ध निदेशक और नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के पूर्व निदेशक थे। उन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ़ ड्रामा के साथ कई नाटकों का निर्देशन किया। इब्राहिम अल्काज़ी ने अपने जीवन काल में कलाकारों की कई पीढ़ियों को अभिनय की बारीकियां सिखाईं। इन कलाकारों में नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी कलाकारों के नाम शामिल हैं। इब्राहिम अल्काज़ी द्वारा निर्देशित कुछ प्रमुख नाटकों में ‘तुगलक’ (गिरीश कर्नाड), ‘आषाढ़ का एक दिन’ (मोहन राकेश), धर्मवीर भारती का ‘अंधा युग’ के अलावा कई ग्रीक ट्रेजडी और शेक्सपियर की कृतियां शामिल हैं। इब्राहिम अल्काज़ी पद्म विभूषण (2010), पद्मभूषण (1991) और पद्मश्री (1966) से सम्मानित थे।
इब्राहिम अल्काज़ी का जन्म 18 अक्टूबर, 1925 को पूना अब पुणे में हुआ था। उनके माता-पिता सऊदी अरब से थे, लेकिन पिता बम्बई अब मुम्बई आ गये और पुणे में बस गये। इब्राहिम अल्काज़ी नौ भाई-बहन थे। जब वह पुणे के सेंट विसेंट हाईस्कूल में पढ़ रहे थे तभी उनमें रंगमंच के प्रति रुचि पैदा हुई। वह बम्बई अब मुम्बई के सेंट जेवियर कॉलेज में सुल्तान ‘बॉबी’ पदमसी की अंग्रेजी थियेटर कंपनी से जुड़ गये। अपने बेटे में रंगमंच के प्रति रूचि देख उनके पिता ने उन्हें लंदन जाने की सलाह दी। उन्होंने 1947 में रॉयल एकेडेमी ऑफ ड्रमेटिक आर्ट में प्रशिक्षण लिया और नाम एवं कीर्ति पायी। वह भारत लौटने के बाद थियेटर ग्रुप से फिर जुड़ गये। इब्राहिम अल्काज़ी की प्रांरभिक रुझान चित्रकारी में थी। बाद में वह रंगमंच को यथासंभव ऊंचाइयों तक ले गये।
इब्राहिम अल्काज़ी अपने जीवन में ही जीवंत किंवदंती बन गए थे। पर उन्होंने खुद को काम तक सीमित रखा। निरंतर सक्रियता और सकारात्मक ऊर्जा उनकी कार्यशैली का हिस्सा थी। 1977 में नाट्य विद्यालय छोड़ने के बाद लम्बे समय तक वापस मुड़कर नहीं देखा। इस दौरान पेंटिंग और कला संरक्षण के काम में ऐतिहासिक काम पर जुट गए। सफदर हाशमी का नुक्कड़ नाटक करते हुए हत्या के बाद हुई विरोध सभाओं में इब्राहिम अल्काज़ी ने सक्रिय भाग लिया। उसके बाद में एनएसडी रंगमंडल के साथ तीन नाटक करने के लिए वह थियेटर की दुनिया में वापस आए।
उन्हें सख्त अनुशासक के रूप में जाना जाता था, जिन्होंने एनएसडी (1962-1977) के निदेशक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान थिएटर प्रशिक्षण के लिए एक ब्लू प्रिंट प्रदान किया था। इसके अलावा वह एक विलक्षण कला पारखी और गैलरी के मालिक भी थे। उन्होंने नई दिल्ली में आर्ट हेरिटेज गैलरी की स्थापना की थी।
रॉयल एकेडमी ऑफ ड्रामेटिक्स आर्ट से प्रशिक्षित इब्राहिम अल्काज़ी ने अपने शानदार करियर के दौरान 50 से अधिक नाटकों का मंचन किया और 1950 में बीबीसी ब्रॉडकास्टिंग अवार्ड जीता।
रंगमंच के क्षेत्र में योगदान को लेकर इब्राहिम अल्काज़ी को 1966 में पद्म श्री, 1991 में पद्मभूषण और 2010 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। उन्हें 1962 में ‘निर्देशन’ के लिए संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी मिला और बाद में उन्हें रंगमंच के प्रति जीवनपर्यंत योगदान को लेकर ‘संगीत नाटक अकादमी फेलोशिप’ से सम्मानित किया गया।
इब्राहिम अल्काज़ी का निधन 4 अगस्त, 2020 को हुआ। दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें एस्कोर्ट अस्पताल में भर्ती किया गया था। साभार