सतेंद्र कुमार खोसला (28 अक्टूबर, 1938, गुरदासपुर, पंजाब, ब्रिटिश भारत) ने फिल्मों में कॉमिक किरदार निभाए हैं। बीरबल हमेशा अपनी जबर्दस्त कॉमिक टाइमिंग को लेकर जाने और पसंद किए जाते थे। सतेंद्र कुमार खोसला के पिता जी प्रिंटिंग प्रेस चलाया करते थे। उनके पिता और माता हमेशा से यही चाहते थे कि वे भी बिजनेसमैन बने, लेकिन किस्तमत में कुछ और ही लिखा था। वह किशोर कुमार से प्रभावित होकर बम्बई अब मुंबई सिंगर बनने चले आए। लेकिन किस्मत ने उन्हें एक्टर बना दिया। उन्होंने मनोज कुमार की फिल्म ‘उपकार’ से अपने फिल्म करियर की शुरुआत की। फिल्म इंडस्ट्री में बीरबल की शुरुआत काफी जोरदार ही और उनके अभिनय को काफी पसंद किया गया। वो हमेशा के लिए साइड एक्टर ही बन कर रह गए। बॉलीवुड में बीरबल के नाम से अपनी जबरदस्त पहचान बनाने वाले सतेंद्र कुमार खोसला बेहतरीन हास्य अभिनेता के रूप में अपने शानदार करियर में उन्होंने हिंदी, पंजाबी, भोजपुरी और मराठी में 500 से ज़्यादा फ़िल्में की हैं। वी. शांताराम की फ़िल्म “बूंद जो बन गई मोती” में “बांचराम” की भूमिका निभाई थी। । अमीर गरीब’, ‘मेरा आशिक’, ‘जाना पहचान’, ‘अंजाम’, ‘सदमा’, हम है राही प्यार के, बोल राधा बोल, लव 86, जाल,‘दिल’ और ‘फिर कभी’ में रोल अदा किया
उन्होंने “उपकार”, “रोटी कपड़ा और मकान” और “क्रांति” सहित मनोज कुमार की कई फ़िल्मों में काम किया। उनकी प्रमुख भूमिकाओं में शामिल हैं: “शोले” में आधी कटी मूंछों वाला कैदी, फ़िल्म “अनुरोध” में ड्रग एडिक्ट और फ़िल्म “अमीर गरीब” में मुखबिर।
सतेंद्र कुमार खोसला ने 85 साल में मुंबई के अंधेरी वेस्ट के चार बंगला स्थित अपने आवास पर 12 सितम्बर 2023 को अंतिम सांस ली थी। वे अपने परिवार में सबसे बड़े थे। उनके छोटे भाई-बहन भी हैं। एजेन्सी।