जोनास सॉल्क (28 अक्टूबर 1914 ) अमेरिकी चिकित्सा शोधकर्ता और विषाणुशास्त्री थे, जिन्हें पोलियो के पहले सुरक्षित और प्रभावी टीके के विकास के लिए जाना जाता है। रूसी यहूदी अप्रवासी की संतान जोनास का जन्म न्यूयॉर्क शहर में हुआ था। माता-पिता ने हालांकि औपचारिक शिक्षा प्राप्त नहीं की थी, लेकिन वे अपने बच्चों को सफल देखने चाहते थे। न्यूयॉर्क विश्वविद्यालय में मेडिकल स्कूल में पढ़ते हुए उन्होंने एक चिकित्सक बनने की बजाए चिकित्सा अनुसंधान की ओर कदम बढ़ा कर अपने लिए अलग राह चुनी।
1955 में जब सॉल्क ने पोलियो का टीका पेश किया, तब पोलियो को युद्ध के बाद के दौर का सबसे भयावह स्वास्थ्य समस्या माना जाता था। 1952 तक इस बीमारी से प्रतिवर्ष 3,00,000 लोग प्रभावित और 58,000 मौत हो रही थी, जो अन्य दूसरी संक्रामक बीमारी की तुलना में सबसे ज्यादा थी। इनमें से ज्यादातर बच्चे थे। अमरीका के तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन डी. रूजवेल्ट इस बीमारी के सबसे ख्यात शिकार थे, जिन्होंने इस बीमारी से लड़ने के लिए टीका विकसित करने के लिए एक संस्थान की स्थापना की।
1939 में मेडिकल स्कूल से स्नातक होने के अगले दिन, साल्क ने न्यूयॉर्क कॉलेज ऑफ सोशल वर्क में मास्टर की उम्मीदवार डोना लिंडसे से शादी की। उनके तीन बच्चे थे पीटर, जो चिकित्सक और पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय में संक्रामक रोगों के अंशकालिक प्रोफेसर भी बने डेरेल, जिन्होंने टीकों और आनुवंशिकी के साथ भी काम किया और अंततः वाशिंगटन विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ मेडिसिन में बाल चिकित्सा संकाय से सेवानिवृत्त हुए और जोनाथन साल्क, वयस्क और बाल मनोचिकित्सक और यूसीएलए में डेविड गेफेन स्कूल ऑफ मेडिसिन में सहायक नैदानिक प्रोफेसर हैं ।
जोनास साल्क की 80 वर्ष की आयु में 23 जून 1995 को ला जोला में हृदय गति रुकने से मृत्यु हो गई, और उन्हें सैन डिएगो के एल कैमिनो मेमोरियल पार्क में दफनाया गया। एजेन्सी