हेमंत करकरे 1982 बैच के आईपीएस अधिकारी थे। वे मुम्बई के आतंक विरोधी दस्ते के प्रमुख थे। हेमंत करकरे मुंबई में हुए श्रेणीबद्ध धमाकों और गोलीबारी का बहादुरी से सामना करते हुए शहीद हुए थे 26 नवम्बर, 2008 को । एटीएस प्रमुख के रूप में हेमंत करकरे ने चंद्रपुर के नक्सल प्रभावित क्षेत्र में भी काम किया था। नॉरकोटिक्स विभाग में तैनाती के दौरान उन्होंने पहली बार विदेशी ड्रग्स माफिया को गिरगांव चौपाटी के पास मार गिराने का कारनामा कर दिखाया था। वे रिसर्च एंड एनालिसिस विंग के लिए ऑस्ट्रिया में सात साल तक अपनी सेवाएँ देने के बाद महाराष्ट्र कैडर में वापस लौटे थे। इसके तत्काल बाद ही उन्हें एटीएस प्रमुख बनाया गया था। वे सितंबर 2008 को मालेगांव में हुए बम विस्फोट की गुत्थी सुलझाने में जुटे हुए थे। मुंबई पुलिस ने एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे के रूप में जांबाज और दिलेर अधिकारी खो दिया था। स्वभाव से बेहद शांत और संयमी एटीएस प्रमुख करकरे पुलिस महकमे में अपनी ईमानदारी और निष्ठा के लिए जाने जाते थे। 26 जनवरी, 2009 को हेमंत करकरे को मरणोपरांत ‘अशोक चक्र’ से सम्मानित किया गया था ।एजेंसी।