संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1999 से हर साल 25 नवंबर महिला हिंसा विरोध दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसमें विश्व के तमाम देश और समाज के तमाम स्तरों पर महिलाओं के खिलाफ हो रही हिंसा को खत्म करने हेतु किया जाता है। इसमें कानून का गठन और महिलाओं को सुरक्षा प्रदान एवं सही क्रियान्वयन कराना और समाज के महिलाओं के प्रति भेदभाव पूर्ण सोच को बदलना है। विश्व भर में हर तीन महिलाओं में एक महिला शारीरिक और यौन हिंसा की शिकार होती है। ज्यादातर अपने घर के भीतर घरेलू हिंसा की शिकार होती है। मार्च कर महिलाओं हिंसा के खिलाफ आवाज उठाने के लिए जागरूक किया। उन्होंने कहा कि ये गतिविधियां गांवों में अभियान के माध्यम से हर महीने कर समाज में हिंसा के प्रति जागरुकता का संदेश दिया जाएगा।