शायर-नग़मा निगार राजा मेहदी अली ख़ान ने बीसवीं सदी की चौथी दहाई से अपना अदबी सफ़र शुरू किया जो तीन दहाइयों तक जारी रहा। वे इस दरमियान न सिर्फ मज़ाहिया शायरी का बड़ा नाम रहे, बल्कि फिल्मों में... Read more
स्वप्निल संसार। मुकेश चंद माथुर लोकप्रिय तौर पर सिर्फ़ मुकेश के नाम से जाने वाले, हिन्दी सिनेमा के प्रमुख पार्श्व गायक थे। मुकेश की आवाज़ बहुत खूबसूरत थी पर उनके रिश्तेदार मोतीलाल ने उन्ह... Read more
स्वप्निल संसार’। आनंद बख्शी का जन्म रावलपिंडी (अब पाकिस्तान ) में 21 जुलाई 1930 को हुआ था। बख्शी उनके परिवार का उपनाम था, उनके परिजनों ने उनका नाम आनंद प्रकाश रखा था, फिल्मी दुनिया में आ... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष। संजोग वाॅल्टर। गीतादत्त को गुजरे 51 साल हो गये हैं, महज 42 साल की उम्र में दुनिया को उस वक्त अलविदा कहा जब उनके बच्चे छोटे थे,शौहर था उनकी जिन्दगी में जिसे उन्होंने कभी... Read more
वे पहले व्यक्ति थे जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने दो-दो बार सम्मानित किया, पहले पद्म श्री से, उसके बाद पद्म भूषण से। यही नहीं, फ़िल्मों में सर्वश्रेष्ठ गीत लेखन के लि... Read more
भूपिंदर सिंह ख्याति प्राप्त पार्श्वगायक और ग़ज़ल गायक थे। उनके गाये हुए प्रसिद्ध गीतों में ‘मेरा रंग दे बसंती चोला’, ‘नाम गुम जाएगा’, ‘प्यार हमें किस मोड़ पे... Read more
स्वप्निल संसार। हिंदी सिनेमा में शमशाद बेगम, सुधा मल्होत्रा, कमल बारोट, उषा मंगेशकर, रुमागुहा ठाकुरता,जगजीत कौर,सुमन कल्याणपुर,शारदा ने मंगेशकर बैरियर पार करने की कोशिश की पर इन सब को कामयाब... Read more
मदन मोहन हिन्दी फि़ल्मों के प्रसिद्ध 1950, 1960, और 1970 के दशक के फि़ल्म संगीत निर्देशक थे। इनका पूरा नाम मदन मोहन कोहली था। उन्हें फि़ल्म उद्योग में गज़लों के लिए याद किया जाता है। मदन म... Read more
जयंती पर विशेष। अनिल बिस्वास प्रसिद्ध संगीतकार थे। हिन्दी फ़िल्मों के गीत-संगीत के स्वर्ण-युग के सारथी अनिल बिस्वास रहे हैं। उन्होंने न सिर्फ अपने संगीत से फ़िल्म संगीत को शास्त्रीय, कलात्म... Read more
-वीर विनोद छाबड़ा- बहुत अच्छे गीतकार हुआ करते थे पंडित भरत व्यास. उन्होंने अनेक यादगार गीत लिखे हैं. हिंदी सिनेमा उनकी देन सदैव याद रखेगा. पचास के साल उनके फ़िल्मी जीवन का सर्वश्रेष्ठ दौर रहा... Read more