रामावतार त्यागी, जो “त्यागी” के नाम से भी जाने जाते है कवि थे। रामावतार त्यागी, ने 15 से भी ज्यादा किताबें लिखी थी और उनकी कविताएं राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद की किताबों में नौवीं और बारहवीं के पाठयक्रम में पढ़ाई जाती है।
रामावतार त्यागी का जन्म 17 मार्च 1925 को मुरादाबाद जिले के कुरावली गाँव में किसान परिवार में हुया था। उनकी माता का नाम भागीरथी और पिता का नाम उदल सिंह त्यागी था। कुरावली गाँव जो वर्तमान मे संभल जिले के अंतर्गत आता है।
रामावतार त्यागी की प्रारंभिक शिक्षा 10 साल की उम्र में शुरू हुई। उनकी शादी 1941 में हो गयी थी। उन्होंने 1944 में हाई स्कूल की पढ़ाई पूरी की थी। रामावतार त्यागी ने चंदौसी डिग्री कॉलेज से स्नातक किया और दिल्ली विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की।
उन्होंने राजीव गांधी (भारत के पूर्व प्रधानमंत्री) को हिंदी भाषा की कक्षाएं दी थी। उन्होंने हिंदी फ़िल्म ज़िन्दगी और तूफ़ान (1941) के लिए “जिंदगी और रात तेरे लिए है” गीत की रचना की।
उन्होंने नवभारत टाइम्स के लिए एक क्राइम रिपोर्टर के रूप में काम किया। उन्होंने साप्ताहिक लेख “मलूक दास की कलम से” भी लिखा। कुछ उपन्यास भी उनके क्रेडिट में हैं। उन्होंने समाधान उपन्यास और चारित्रीन के पात्र युगांतकारी उपन्यास लिखा। उन्होंने दिल्ली जो एक शहर था और राम झरोखा का संपादन किया। 12 अप्रैल1985 को त्यागी का निधन हो गया।
उनके कविता संग्रहों में निम्नलिखित शामिल हैं-नया ख़ून (1953)-मैं दिल में (1959)-दिल्ली जो एक शहर था-सपना महक उताहे (1965)-गुलाब और बबूल वैन (1973)-राष्ट्रीय एकता की कहानियां-गाता हुआ दर्द (1982)
महाकवि कालिदास रचित मेघदूत का कायानुवाद
लहू के चार कतरे (1984) गीत बोलते हैं (1986, मरणोपरांत प्रकाशित हुआ)