एजेंसी। सर डोनाल्ड जॉर्ज ब्रेडमैन, जिन्हें द डॉन कहा जाता है, ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट खिलाड़ी थे जिन्हें विश्व का महानतम् बल्लेबाज माना जाता है। टेस्ट क्रिकेट में उनका बल्लेबाजी का औसत 99.97 था जिसे प्रायः किसी भी बड़े खेल में किसी भी खिलाड़ी द्वारा अर्जित सबसे बड़ी उपलब्धि माना जाता है।
कम उम्र में ही सर डोनाल्ड जॉर्ज ब्रेडमैन ने करियर की ऊँछाइयों को छू लिया था। 22 वर्ष की आयु पूरी होने तक तो उन्होंनें कई कीर्तिमान बना दिए थे, जिनमें से कुछ तो अभी भी कायम हैं। अपने 20 वर्ष के क्रिकेट करियर के दौरान उन्होंने निरंतरता से प्रदर्शन करते हुए इतने रन बनाए जो, भूतपूर्व अॉस्ट्रिलेयाई कप्तान बिल वुडफुल के शब्दों में- तीन बल्लेबाजों के बराबर तो होंगे। इनसे पार पाने के लिए इंगलैण्ड की टीम के द्वारा बॉडीलाइन जैसी विवादास्पद तरकीबें भी इजाद की गईं। कप्तान और प्रशासक के रूप में ब्रैडमैन हमेशा आक्रामक और रोमांचक क्रिकेट के लिए समर्पित रहे। उन्हें देखने रिकॉर्डतोड़ भीड़ उमड़ पड़ती थी। वे अपनी लगातार प्रसिद्धी से असहज रहते थे और इससे उनका व्यवहार भी प्रभावित हुआ। वे एक तनहाई पसंद तरह के इंसान समझे जाते थे।
सेवानिवृत्ति के पश्चात् भी वे तीन दशकों तक तक प्रशासक, चयनकर्ता व लेखक के रूप में क्रिकेट की सेवा करते रहे। 2001 में जब इन्हें सेवानिवृत्त हुए 50 वर्ष से भी अधिक का समय हो गया था, एक समय में ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री जॉन हॉवर्ड ने इन्हें महानतम जीवित ऑस्ट्रेलियन कहा था। ब्रैडमैन के चित्र के साथ डाक टिकटें भी जारी हुईं, सिक्के भी ढाले गए। इनके जीवित रहते ही इनके नाम पर संग्रहालय भी बनाया जा चुका था। 27 अगस्त 2008 को इनकी जन्मशती पर ऑस्ट्रेलिया में $5 मूल्य की स्वर्णमुद्राएँ भी जारी की गईं। 19 नवम्बर 2009 को डॉन ब्रैडमैन को आईसीसी हाल ऑफ फेम में शामिल किया गया।
ब्रैडमैन का नाम क्रिकेट की दुनिया और अन्य व्यापक रूपों में असाधारण श्रेष्ठता का प्रयाय बन गया। शब्द ब्रैडमैनेस्क़ क्रिकेट और गैर-क्रिकेट दोनों में काम में लिए जाने वाले शब्द के रूप में गढ़ा जा चुका है।
डोनाल्ड जॉर्ज ब्रैडमैन जो जॉर्ज और एमिली परिवार के सबसे छोटे पुत्र थे ब्रैडमैन का जन्म 27 अगस्त 1908 को कूटामुण्डरा ,न्यू साउथ वेल्स में हुआ था। इनका एक भाई भी है और तीन बहने है जिसमें भाई का नाम विक्टर तथा बहिनों के नाम आइलेट ,लिलियन और एलिजाबेथ मेय है। एक दादा इटालियन जो 1826 में ऑस्ट्रेलिया जाकर बसे थे। ब्रैडमैन के माता और पिता स्टाकिंबिंगल के येवू येवू शहर में रहते थे। एमिली ने ब्रैडमैन को अपने घर कूटामुण्डरा जन्म दिया था जो अब वर्तमान में ब्रैडमैन बर्थप्लेस म्यूजियम है। एमिली जो न्यू साउथ वेल्स के मितगोंग की रहने वाली थीं और 1911 जब डॉन ब्रैडमैन ढाई साल के थे तब इनके माता पिता ने यह निर्णय लिया था कि वो मितगोंग को छोड़कर बोवरा चले जाएंगे और वहीं बस जाएंगे।
ब्रैडमैन बचपन से ही बल्लेबाजी करने का अभ्यास करते रहते थे। इसके बाद इन्होंने खुद ने सोलो क्रिकेट की स्थापना की थी जिसमें क्रिकेट के स्टम्पों बल्ला और गोल्फ की गेंद का प्रयोग किया जाता है।इन्होंने बचपन में बहुत क्रिकेट खेला था और पहला शतक जब 12 साल के थे तब बनाया था उस मैच में इन्होंने 125 रनों की पारी खेली थी और वह मैच बोवरा पब्लिक स्कूल के लिए खेलते हुए मितगोंग हाई स्कूल के सामने खेला गया था ।
डॉन ब्रैडमेन ने अपने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत 30 नवम्बर 1928 को इंग्लैंड टीम के खिलाफ खेलकर की थी और इन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मुकाबला 18 अगस्त 1948 को इंग्लैंड के ही खिलाफ खेला था।
डॉन ब्रैडमेन ने अपने टेस्ट कैरियर में कुल 52 टेस्ट मैच खेले थे जिसमें 99.4 की बल्लेबाजी औसत से कुल 6,996 रन बनाए थे जिसमें 29 शतक और 13 अर्द्धशतक भी शामिल है। ब्रैडमेन ने अपने टेस्ट कार्यकाल में एक पारी में सबसे ज्यादा 334 रनों की पारी खेली थी जो कि इनका सर्वाधिक स्कोर है। इन्होंने अपने टेस्ट कार्यकाल में कुल 160 गेंदें फेंकी जिसमें 8 विकेट भी लिए थे। डॉन ब्रैडमेन का निधन 25 फ़रवरी 2001,को केंसिंगटन पार्क, ऑस्ट्रेलिया में हुआ था।
, जिन्हें द डॉन कहा जाता है, ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट खिलाड़ी थे जिन्हें विश्व का महानतम् बल्लेबाज माना जाता है। टेस्ट क्रिकेट में उनका बल्लेबाजी का औसत 99.97 था जिसे प्रायः किसी भी बड़े खेल में किसी भी खिलाड़ी द्वारा अर्जित सबसे बड़ी उपलब्धि माना जाता है।
कम उम्र में ही सर डोनाल्ड जॉर्ज ब्रेडमैन ने करियर की ऊँछाइयों को छू लिया था। 22 वर्ष की आयु पूरी होने तक तो उन्होंनें कई कीर्तिमान बना दिए थे, जिनमें से कुछ तो अभी भी कायम हैं। अपने 20 वर्ष के क्रिकेट करियर के दौरान उन्होंने निरंतरता से प्रदर्शन करते हुए इतने रन बनाए जो, भूतपूर्व अॉस्ट्रिलेयाई कप्तान बिल वुडफुल के शब्दों में- तीन बल्लेबाजों के बराबर तो होंगे। इनसे पार पाने के लिए इंगलैण्ड की टीम के द्वारा बॉडीलाइन जैसी विवादास्पद तरकीबें भी इजाद की गईं। कप्तान और प्रशासक के रूप में ब्रैडमैन हमेशा आक्रामक और रोमांचक क्रिकेट के लिए समर्पित रहे। उन्हें देखने रिकॉर्डतोड़ भीड़ उमड़ पड़ती थी। वे अपनी लगातार प्रसिद्धी से असहज रहते थे और इससे उनका व्यवहार भी प्रभावित हुआ। वे एक तनहाई पसंद तरह के इंसान समझे जाते थे।
सेवानिवृत्ति के पश्चात् भी वे तीन दशकों तक तक प्रशासक, चयनकर्ता व लेखक के रूप में क्रिकेट की सेवा करते रहे। 2001 में जब इन्हें सेवानिवृत्त हुए 50 वर्ष से भी अधिक का समय हो गया था, एक समय में ऑस्ट्रेलिया के तत्कालीन प्रधानमंत्री जॉन हॉवर्ड ने इन्हें महानतम जीवित ऑस्ट्रेलियन कहा था। ब्रैडमैन के चित्र के साथ डाक टिकटें भी जारी हुईं, सिक्के भी ढाले गए। इनके जीवित रहते ही इनके नाम पर संग्रहालय भी बनाया जा चुका था। 27 अगस्त 2008 को इनकी जन्मशती पर ऑस्ट्रेलिया में $5 मूल्य की स्वर्णमुद्राएँ भी जारी की गईं। 19 नवम्बर 2009 को डॉन ब्रैडमैन को आईसीसी हाल ऑफ फेम में शामिल किया गया।
ब्रैडमैन का नाम क्रिकेट की दुनिया और अन्य व्यापक रूपों में असाधारण श्रेष्ठता का प्रयाय बन गया। शब्द ब्रैडमैनेस्क़ क्रिकेट और गैर-क्रिकेट दोनों में काम में लिए जाने वाले शब्द के रूप में गढ़ा जा चुका है।
डोनाल्ड जॉर्ज ब्रैडमैन जो जॉर्ज और एमिली परिवार के सबसे छोटे पुत्र थे ब्रैडमैन का जन्म 27 अगस्त 1908 को कूटामुण्डरा ,न्यू साउथ वेल्स में हुआ था। इनका एक भाई भी है और तीन बहने है जिसमें भाई का नाम विक्टर तथा बहिनों के नाम आइलेट ,लिलियन और एलिजाबेथ मेय है। एक दादा इटालियन जो 1826 में ऑस्ट्रेलिया जाकर बसे थे। ब्रैडमैन के माता और पिता स्टाकिंबिंगल के येवू येवू शहर में रहते थे। एमिली ने ब्रैडमैन को अपने घर कूटामुण्डरा जन्म दिया था जो अब वर्तमान में ब्रैडमैन बर्थप्लेस म्यूजियम है। एमिली जो न्यू साउथ वेल्स के मितगोंग की रहने वाली थीं और 1911 जब डॉन ब्रैडमैन ढाई साल के थे तब इनके माता पिता ने यह निर्णय लिया था कि वो मितगोंग को छोड़कर बोवरा चले जाएंगे और वहीं बस जाएंगे।
ब्रैडमैन बचपन से ही बल्लेबाजी करने का अभ्यास करते रहते थे। इसके बाद इन्होंने खुद ने सोलो क्रिकेट की स्थापना की थी जिसमें क्रिकेट के स्टम्पों बल्ला और गोल्फ की गेंद का प्रयोग किया जाता है।इन्होंने बचपन में बहुत क्रिकेट खेला था और पहला शतक जब 12 साल के थे तब बनाया था उस मैच में इन्होंने 125 रनों की पारी खेली थी और वह मैच बोवरा पब्लिक स्कूल के लिए खेलते हुए मितगोंग हाई स्कूल के सामने खेला गया था l
डॉन ब्रैडमेन ने अपने टेस्ट क्रिकेट की शुरुआत 30 नवम्बर 1928 को इंग्लैंड टीम के खिलाफ खेलकर की थी और इन्होंने अपना अंतिम टेस्ट मुकाबला 18 अगस्त 1948 को इंग्लैंड के ही खिलाफ खेला था।
डॉन ब्रैडमेन ने अपने टेस्ट कैरियर में कुल 52 टेस्ट मैच खेले थे जिसमें 99.4 की बल्लेबाजी औसत से कुल 6,996 रन बनाए थे जिसमें 29 शतक और 13 अर्द्धशतक भी शामिल है। ब्रैडमेन ने अपने टेस्ट कार्यकाल में एक पारी में सबसे ज्यादा 334 रनों की पारी खेली थी जो कि इनका सर्वाधिक स्कोर है। इन्होंने अपने टेस्ट कार्यकाल में कुल 160 गेंदें फेंकी जिसमें 8 विकेट भी लिए थे। डॉन ब्रैडमेन का निधन 25 फ़रवरी 2001,को केंसिंगटन पार्क, ऑस्ट्रेलिया में हुआ था।