धर्मशाला वनडे:
धर्मशाला: छह महीने और 12 हार के इंतजार के बाद नए कप्तान के नेतृत्व में श्रीलंका ने जीत का सूखा खत्म किया। धर्मशाला में खेले गए तीन मैचों की वनडे सीरीज के पहले मुकाबले में श्रीलंका ने भारत को सात विकेट से रौंद दिया। सुरंगा अकमल की अगुवाई में श्रीलंका ने पहले भारत को होम ग्राउंड पर न्यूनतम स्कोर 112 पर समेटने के बाद जरूरी लक्ष्य को 176 गेंद पहले तीन विकेट खोकर हासिल कर लिया। इस जीत के साथ श्रीलंका ने तीन मैचों की सीरीज में 1-0 की बढ़त बना ली। होम ग्राउंड पर बॉल लेफ्ट के मामले में भारत की ये सबसे बड़ी हार है।
भारत के 113 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए श्रीलंका की ओर से उपुल थरंगा ने सर्वाधिक 49 रनों की पारी खेली, वहीं पूर्व कप्तान एंजेलो मैथ्यूज (नाबाद 25) और निरोशन डिकवेला (नाबाद 26) ने चौथे विकेट के लिए 49 रन की अटूट साझेदारी करके टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया।
इससे पहले ऑस्ट्रेलिया ने 2007 में वड़ोदरा में उसे 145 गेंद शेष रहते हुए हराया था जबकि श्रीलंका ने अगस्त 2010 में दांबुला में टीम इंडिया को 209 और हंबनटोटा में जुलाई 2012 में 181 गेंद शेष रहते हराया था।
लकमल (13 रन पर चार विकेट) और नुवान प्रदीप (37 रन पर दो विकेट) की तूफानी गेंदबाजी के सामने भारतीय टीम महेंद्र सिंह धोनी (65) के अर्द्धशतक के बावजूद 38।2 ओवर में 112 रन पर ढेर हो गई। धोनी के अलावा कुलदीप यादव (19) और हार्दिक पंड्या (10) ही दोहरे अंक में पहुंच पाए।
इस हार के साथ भारत के साल का अंत नंबर वन वनडे टीम के साथ करने का सपना भी टूट गया। टीम इंडिया अगर मैच जीतने में सफल होती तो वो साउथ अफ्रीका को पछाड़कर दुनिया की नंबर एक वनडे टीम भी बन जाती। सीरीज का दूसरा मैच मोहाली में 13 दिसंबर को खेला जाएगा।
लक्ष्य का पीछा करने उतरे श्रीलंका की शुरुआत भी अच्छी नहीं रही। टीम ने सात रन के स्कोर पर ही दनुष्का गुणातिलक (01) का विकेट गंवा दिया जो जसप्रीत बुमराह (32 रन पर एक विकेट) की गेंद पर विकेटकीपर धोनी को कैच दे बैठे।
बुमराह ने इसके बाद दूसरे सलामी बल्लेबाज थरंगा को भी गली में दिनेश कार्तिक के हाथों कैच कराया लेकिन क्रीज से पैर बाहर होने के कारण यह नोबॉल हो गई। थरंगा इस समय 11 रन बनाकर खेल रहे थे।
भुवनेश्वर कुमार (42 रन पर एक विकेट) ने अगले ओवर में लाहिरू थिरिमाने (00) को बोल्ड करके श्रीलंका को दूसरा झटका दिया।
थरंगा ने जीवनदान का फायदा उठाते हुए भुवनेश्वर और बुमराह पर दो-दो चौके जड़े। उन्होंने हार्दिक पंड्या (39 रन पर एक विकेट) पर लगातार दो चौकों के साथ 11वें ओवर में टीम का स्कोर 50 रन के पार पहुंचाया। वह हालांकि इसी तेज गेंदबाज के अगले ओवर में स्लिप में शिखर धवन को कैच दे बैठे। उन्होंने 46 गेंद की अपनी पारी में दो चौके मारे।
मैथ्यूज और डिकवेला ने इसके बाद टीम को लक्ष्य तक पहुंचाया। दोनों ने 19वें ओवर में टीम के रनों का सैकड़ा पूरा किया। मैथ्यूज ने भुवनेश्वर पर चौके के साथ श्रीलंका को जीत दिलाई।
इससे पहले भारतीय टीम धोनी के 87 गेंद में 65 रन के बावजूद 112 रन पर ढेर हो गई। टॉस हारकर बल्लेबाजी करने उतरी भारतीय टीम के पास तेज गेंदबाजी के अनुकूल हालात में लकमल, प्रदीप और मैथ्यूज (आठ रन पर एक विकेट) की तेज गेंदबाजी तिकड़ी का कोई जवाब नहीं था। भारतीय टीम ने पांच विकेट 16 रन तक ही गंवा दिए थे और उस पर 54 रन के अपने न्यूनतम एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय स्कोर से कम पर आउट होने का खतरा मंडरा रहा था जो इसी टीम के खिलाफ शारजाह में वर्ष 2000 में बना था। धोनी ने हालांकि जुझारू पारी खेलकर टीम का स्कोर 100 रन के पार पहुंचाया।
टीम इंडिया ने एक समय 29 रन पर सात विकेट गंवा दिए थे जिसके बाद धोनी और कुलदीप यादव (19) ने आठवें विकेट के लिए 47 गेंद में 41 रन जोड़कर विकेटों के पतझड़ को रोका। धोनी ने अपनी पारी में 10 चौके और दो छक्के जड़े।
मैच जल्दी शुरू होने के कारण तेज गेंदबाजों को मदद मिल रही थी और लकमल ने अपने एक ही स्पैल में सभी 10 ओवर फेंकते हुए चार विकेट हासिल करके भारतीय पारी को ध्वस्त किया।
श्रीलंका के दबदबे का अंदाजा इस बात से लग सकता है कि भारतीय टीम पावरप्ले में तीन विकेट पर 11 रन ही बना सकी जो पिछले पांच साल में वनडे क्रिकेट में सबसे कम और कुल मिलाकर दूसरा न्यूनतम स्कोर है। इस पिच ने भारतीय टीम को दक्षिण अफ्रीका के आगामी दौरे पर मिलने वाली पिचों को लेकर आगाह भी कर दिया।
श्रीलंका ने शुरू से ही भारत को दबाव में रखा। मैथ्यूज ने अपने पहले ओवर की अंतिम गेंद पर धवन (0) को पगबाधा किया। मैदानी अंपायर ने उन्हें नॉटआउट करार दिया था लेकिन डीआरएस लेने पर फैसला श्रीलंका के पक्ष में आया।
लकमल ने उछाल लेती गेंद पर कप्तान रोहित शर्मा (02) को विकेटकीपर डिकवेला के हाथों कैच कराया। रोहित को भी मैदानी अंपायर ने आउट नहीं दिया था और श्रीलंका के डीआरएस लेने पर उन्हें पवेलियन लौटना पड़ा।
लकमल ने दिनेश कार्तिक (0) को पगबाधा करने के बाद मनीष पांडे (02) को स्लिप में मैथ्यूज के हाथों कैच कराया। दो गेंद बाद श्रेयस अय्यर (09) भी प्रदीप की गेंद को विकेटों पर खेल गए जिससे टीम का स्कोर 14वें ओवर में पांच विकेट पर 16 रन हो गया।
पंड्या भी दो चौके जड़ने के बाद प्रदीप की गेंद पर मैथ्यूज को स्लिप में कैच दे बैठे जबकि भुवनेश्वर खाता खोले बिना लकमल का चौथा शिकार बने।
धोनी और कुलदीप ने इसके बाद पारी को संभाला। कुलदीप ने अपनी पारी में चार चौके जड़े लेकिन स्पिनर अकिला धनंजय (सात रन पर एक विकेट) की गेंद पर स्टंप हो गए।
धोनी ने इसके बाद 10वें नंबर के बल्लेबाज जसप्रीत बुमराह (0) और 11वें नंबर के युजवेंद्र चहल (नाबाद 0) के साथ क्रमश: 17 और 25 रन जोड़े। धोनी ने प्रदीप पर चौके के साथ 78 गेंद में 67वां एकदिवसीय अर्द्धशतक पूरा किया लेकिन इसके बाद तिषारा परेरा की गेंद पर 39वें ओवर में गुणातिलक को कैच दे बैठे।