जाॅय रस्किन,स्वप्निल संसार। गुड फ्राइडे क्या है और क्यों मनाया जाता है? आज ही के दिन यीशु मसीह ने पूरी मानव जाति के लिए क्रूस पर अपनी जान दी, ताकि जिन गुनाहों की सजा हमको मिलनी थी, उससे हम बचाए जायें। इससे पहले, गुनाहों की माफी के लिए कुर्बानियाँ दी जाती थी। पर यीशु मसीह ने हम सब के गुनाहों को क्रूस पर लेकर अपनी कुर्बानी दे दी। उनका मजाक बनाया गया, उनको ठठ्ठों में भी उडाया गया, उन पर थूका गया और उनके कपडे भी फाडे गए। पर उन्होंने ये सब चुपचाप सहन कर लिया, सिर्फ हमारे लिए। उन्होंने हमारे खातिर कोडे खाए, इतनी तकलीफ सही, इतना अपमान सहा और अपनी जान भी दी। पर सवाल यह है कि जब आज के दिन यीशु मसीह को क्रूस पर चढाया गया तो इस दिन को हम गुड फ्राइडे क्यों कहते हैं? इसका जवाब ये है कि यीशु मसीह के क्रूस पर अपनी जान देने की वजह से ही, हम सभी अपने-अपने गुनाहों से आजाद हो पाए और अगर हम अपने गुनाहों की माफी माँगें तो हमें अब सजा नहीं भोगनी पडेगी। इसलिए ये दिन हमारे लिए उद्धार का दिन हुआ, इसलिए इसको गुड फ्राइडे कहते हैं। पर जो तकलीफें यीशु मसीह ने हमारे लिए सहीं, उसका एहसास हम सभी को होना चाहिये, इसलिए इस दिन को पवित्र मानते हुए, इसे परमेश्वर की नजदीकी में बिताना चाहिये, और हाँ दुःख नहीं मनाना चाहिये क्योंकि, इस दिन को तो हम एक यादगार के रूप में मनाते हैं पर, असल में यीशु मसीह आज भी जीवित हैं और हम सभी का न्याय करने जल्द ही आने वाले हैं। गुड फ्राइडे के दिन यीशु मसीह ने पूरी मानव जाति के लिए क्रूस पर अपनी जान दी, ताकि जिन गुनाहों की सजा गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, भी कहते हैं. यह त्यौहार मसीह धर्म के लोगों द्वारा कैलवरी में यीशु मसीह को सलीब पर चढ़ाने के यह गुड फ्राइडे पवित्र सप्ताह के दौरान मनाया जाता है, जो ईस्टर सन्डे से पहले पड़ने वाले शुक्रवार को आता है। आध्यात्मिक विवरणों के अनुसार यीशु मसीह को सलीब पर संभवतः किसी शुक्रवार को किया गया था.
दो भिन्न वर्गों के अनुसार गुड फ्राइडे का अनुमानित वर्ष 33 है, सुसमाचार के अनुसार, यीशु मसीह को मंदिर के प्रहरियों ने गतसमनी में उनके शिष्य यहूदा इस्करियोती की अगुवाई में गिरफ्तार किया.यहूदा ने (चांदी के 30 टुकड़ों) के बदले यीशु मसीह से विश्वघात किया और मंदिर के प्रहरियों से कहा कि वह जिसे चुम्बन लेगा उसे ही उन्हें गिरफ्तार करना है. यीशु मसीह को गिरफ्तार कर अन्नास के घर लाया गया, जो तत्कालीन उच्च पुरोहित काइयाफस का ससुर था.वहाँ उनसे पूछताछ की गयी किन्तु उसका कोई खास नतीजा नहीं निकला जिसके बाद उन्हें उच्च पुरोहित काइयाफस के पास भेज दिया गया, जहां सैन्हेद्रिन इकट्ठे थे, कई गवाहों ने यीशु मसीह के खिलाफ विरोधाभासी बयान दिये जिसका यीशु मसीह ने कुछ भी जवाब नहीं दिया. अंत में उच्च पुरोहित ने यीशु मसीह को कहा कि वह पवित्र शपथ लेकर उत्तर देने का आदेश देते हुए कहा मैं, तुम्हें खुदा के नाम का वास्ता देकर तुम्हें आदेश देता हूं कि तुम हमें बताओं कि क्या तुम्ही एकमात्र परमेश्वर के पुत्र हो ? यीशु मसीह ने सकारात्मक उत्तर देते हुए कहा कि तुमने कहा है और समय आने पर तुम देखोगे कि स्वर्ग के बादलों के बीच मनुष्य का पुत्र सर्वशक्तिमान की दाहिनी ओर बैठा है.उच्च पुरोहित ने यीशु मसीह को ईश्वर की निंदा का दोषी ठहराया और सर्व सम्मति से यीशु मसीह के मामले में सैन्हेद्रिन की सुनवाई में यीशु मसीह को मौत की सजा सुनायी. पतरस ने भी पूछताछ के दौरान यीशु मसीह को पहचानने से तीन बार इनकार किया. यीशु मसीह पहले से ही जानते थे कि पतरस उन्हें तीन बार पहचानने से इनकार करेगा. जिनमें से एक रात में हुई थी तथा दूसरी सुबह, और इस तरह समय के अन्तर के कारण गुड फ्राइडे का दिन प्रभावित होता है. सुबह पूरी परिषद यीशु मसीह को साथ लेकर रोमन राज्यपाल पिलातुस के पास पहुंची. उन पर आरोप लगाये गये कि वह देशद्रोही हैं, उन्होंने सीजर के करों का विरोध किया है और स्वयं को राजा घोषित किया है.पिलातुस ने यहूदी नेताओं को यह जिम्मेदारी दी कि वे यीशु मसीह को अपने कानून के अनुसार फांसी दें किन्तु यहूदी नेताओं ने कहा कि रोमन लोगों ने उन्हें प्राणदंड देने की अनुमति नहीं दी है पिलातुस ने यीशु मसीह से पूछताछ की और सभा से कहा कि यीशु मसीह को सजा देने का कोई आधार नहीं है. यह जानकर कि यीशु मसीह गैलिली के निवासी हैं पिलातुस ने इस मामले को गैलिली के राजा हेरोद को सौंपा, जो येरूशलम में पासोवर की दावत के लिए गये थे.हेरोद ने यीशु मसीह से सवाल किये पर उसे कोई जवाब नहीं मिला हेरोद ने यीशु मसीह को पिलातुस के पास वापस भेज दिया. पिलातुस ने सभा से कहा कि न तो उसने और न ही हेरोद ने यीशु मसीह में कोई दोष पाया है पिलातुस ने निश्चय किया की यीशु मसीह को कोड़े मारकर रिहा कर दिया जाये रोम में पास ओभर के भोज के दौरान यह प्रथा थी कि यहूदियों के अनुरोध पर एक कैदी को रिहा कर दिया जाता था। पिलातुस ने लोगों से पूछा कि वे किसको रिहा करना चाहते हैं.मुख्य पुरोहित के निर्देष पर लोगों ने कहा कि वे बराब्बा को रिहा करना चाहते हैं, जो एक विद्रोह के दौरान हत्या के जुर्म जेल में है. पिलातुस ने पूछा कि वे यीशु मसीह के साथ किस प्रकार का सलूक चाहेंगे, और उन लोगों ने मांग की,उसे सूली पर लटका दो,पिलातुस की पत्नी ने उसी दिन यीशु मसीह को सपने में देखा था, उसने पिलातुस को आगाह कर दिया कि इस धार्मिक व्यक्ति के साथ कोई सरोकार न रखे.पिलातुस ने यीशु मसीह को कोड़े मरवाए और भीड़ के सामने ला कर उसे रिहा कर दिया. मुख्य पुरोहित ने पिलातुस को एक नये आरोप की जानकारी दी कि यीशु मसीह स्वयं को परमेष्वर का पुत्र होने का दावा करता है इसलिए उसे मौत की सजा सुनायी जाये.इससे पिलातुस भयभीत हो जाता है और यीशु मसीह को वापस महल के अन्दर ले जाता है तथा उनसे जानना चाहता है कि वह कहां से आये हैं भीड़ के सामने आखिरी बार आकर, पिलातुस यीशु मसीह के निर्दाेष होने की घोषणा की और यह दिखाने के लिए कि इस दंड विधान में उसकी कोई भूमिका नहीं है, पानी से अपने हाथ धोये. आखिरकार, पिलातुस ने दंगे से बचने के लिए यीशु मसीह को सूली पर चढ़ाने के लिए सौंप दिया दंडादेश में लिखा था नासरत का यीशु मसीह, यहूदियों का राजा.सायरीन के साइमन की सहायता से यीशु मसीह अपनी सूली को स्वयं ढोते हुए बधस्थल तक ले गये, जहां उन्हें सूली पर चढ़ाया गया, उस स्थान को हिब्रू में कपाल का स्थान और लैटिन में कैलवरी कहते हैं. वहाँ उन्हें दो अपराधियों के साथ सूली पर चढ़ाया गया यीशु मसीह छह घंटे तक सूली पर यातना सहते रहे. सूली पर लटकाये रखे जाने के आखिरी तीन घंटों के दौरान दोपहर से अपराह्न 3 बजे तक पूरे देश मे अंधेरा छाया रहा.एक जोरदार चीख के बाद यीशु मसीह ने अपने प्राण त्याग दिये.उसी समय एक भूकंप आया, कब्रें टूट कर खुल गयीं और इस मंदिर का पर्दा ऊपर से नीचे तक फट गया.सूली पर लटकाये जाने के स्थल पर उपस्थित एक रोमन सैनिक घोषणा की, सचमुच यह भगवान का बेटा था ! सैन्हेद्रिन का एक सदस्य अरिमेठिया का जोसफ यीशु मसीह का एक गुप्त शिष्य था, जिसने यीशु मसीह को यह दंडादेश देने की सहमति नहीं दी थी, पिलातुस के पास गया और उसने यीशु मसीह का शव मांगा यीशु मसीह के एक अन्य गुप्त अनुयायी और निकोदेमुस नाम के सैन्हेद्रिन के सदस्य ने एक सौ पौंड वजन का मसाले का मिश्रण लाया और मसीह के शरीर को कपड़े में लपेटने में सहायता की।पिलातुस ने सूबेदार से कहा कि वह इस बात की पुष्टि कर ले कि यीशु मसीह मर चुके हैं एक सिपाही ने यीशु मसीह के शरीर पर भाले से वार किया जिसमें से खून और पानी बाहर निकला और उसके बाद सूबेदार ने पिलातुस से इस बात की पुष्टि कर दी कि यीशु मसीह मर चुके हैं अरिमेठिया के जोसफ ने यीशु मसीह के शरीर को एक साफ मखमल के कफन में लपेट कर सूली पर चढ़ाये जाने के पास स्थित एक बगीचे में एक चट्टान को खोद कर बनायी गयी उनकी नयी कब्र में दफना दिया. निकोदेमस भी लोबान और दस्तावर औषधि के साथ पहुंचा था और दफन करने के यहूदी नियमों के अनुसार उसने यीशु मसीह के कफन के साथ उन्हें रख दिया उन्होंने कब्र के प्रवेश द्वार पर विशाल पत्थर रखकर उसे बंद कर दिया.उसके बाद वे घर लौटे और विश्राम किया क्योंकि सूर्यास्त के बाद साथ शुरू हो गया. तीसरे दिन, रविवार को, जो अब ईस्टर रविवार के रूप में जाना जाता है, यीशु मसीह जी उठे।