स्मृति शेष। यशपाल शर्मा वाकई विरले इंसान थे । यूसुफ साहब को वो कभी नहीं भूले । यूसुफ साहब (दिलीप कुमार ) की सेहत नासाज होने की जब भी ख़बर आती थी । यशपाल जी बैचेन हो जाते थे । उन्होंने यूसुफ साहब से अपने रिश्तों को कभी नही छिपाया। यूसुफ साहब ने उनको एक रणजी मैच में खेलते देखा । मैच के बाद यूसुफ साहब उनसे मिले । उनके बारे पर सब कुछ पूछा और कहा तुमको तो टीम में होना चाहिए। में राज सिंह से कहूंगा तुम्हारे लिए। राज सिंह डूंगरपुर उस वक्त बीसीसीआई के सर्वेसर्वा थे। राज सिंह डूंगरपुर ने यशपाल जी को फोन किया इस तरह वो भारतीय क्रिकेट टीम में शामिल हो गए।
7 जुलाई 2021 को यूसुफ साहब ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया था।यूसुफ साहब की मौत से सदमे में आए यशपाल जी ने 13 जुलाई 2021 को इस दुनिया को अलविदा कह दिया था। 66 वर्षीय यशपाल शर्मा का निधन हार्ट अटैक के कारण हुआ था । आज भी दुनिया में ऐसे लोग हैं जो रिश्तों को समझते हैं । मौका देने वालों को नहीं भूलते । यशपाल जी को सौ सौ सलाम। इस रंग बदलती दुनिया में उन जैसे लोग भी होते हैं।
यशपाल शर्मा पंजाब के रहने वाले थे। उनका जन्म 11 अगस्त, 1954 को लुधियाना,में हुआ था। स्कूल की ओर से खेलते हुए यशपाल शर्मा ने 260 का स्कोर बनाया था, जिसके बाद से ही वह निगाह में आ गये थे। यशपाल शर्मा ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू पाकिस्तान के खिलाफ 1978 में किया था। इसके बाद वह इंग्लैंड में खेले गए 1983 के विश्व कप विजेता टीम का हिस्सा थे, जहां भारत ने वेस्टइंडीज को हराकर इतिहास रचा था। 1985 में अपने करियर का आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले यशपाल शर्मा को सात साल के अंतराल में कभी कोई गेंदबाज वनडे क्रिकेट में शून्य पर आउट नहीं कर सका। संजोग वॉल्टर।