सैर कर दुनिया की गाफिल जिंदगानी फिर कहां जिंदगी गर रही तो ये जवानी फिर कहां,ये ख्वाजा मीर ‘दर्द’ का शेर है और अगर किसी व्यक्ति पर यह पूरी तरह फिट बैठता है, तो वो हैं महापंडित राह... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष- एजेंसी। फणीश्वरनाथ रेणु हिन्दी कथा साहित्य के महत्त्वपूर्ण रचनाकार थे। फणीश्वरनाथ ‘रेणु’ का जन्म 4 मार्च 1921 को पूर्णिया के ‘औराही हिंगना’ गांव में हुआ था। रेणु के पि... Read more
एजेंसी। नाज़िश प्रतापगढ़ी उर्दू के सुप्रसिद्द शायर थे। भारत भूमि से नाज़िश को विशेष लगाव था। देश के बंटवारे के बाद उनके माता-पिता, भाई-बहन आदि सभी पाकिस्तान चले गए, लेकिन नाज़िश ने भारत मे... Read more
सैर कर दुनिया की गाफिल जिंदगानी फिर कहां जिंदगी गर रही तो ये जवानी फिर कहां,ये ख्वाजा मीर ‘दर्द’ का शेर है और अगर किसी व्यक्ति पर यह पूरी तरह फिट बैठता है, तो वो हैं महापंडित राह... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष- एजेंसी। बंकिम चन्द्र चट्टोपाध्याय 19वीं शताब्दी के बंगाल के प्रकाण्ड विद्वान तथा महान कवि और उपन्यासकार थे। 1874 में देश भक्ति गीत वन्देमातरम् की रचना की जिसे बाद में आ... Read more
कश्मीरी लाल ज़ाकिर उर्दू शायर, अफ़सानानिगार और लघुकथा लेखक थे। कश्मीरी लाल ज़ाकिर हरियाणा उर्दू अकादमी के निदेशक भी थे। भारत ही नहीं पाकिस्तान में भी उनकी रचनाएं लोकप्रिय हुई। हरियाणा के विभि... Read more
जयंती पर विशेष। एजेंसी। कमला सुरय्या पूर्व नाम कमला दास लेखिका थीं। वे मलयालम भाषा में माधवी कुटटी के नाम से लिखती थीं। उन्हें उनकी आत्मकथा ‘माई स्टोरी’ से अत्यधिक प्रसिद्धि मिली। 31 मार्च... Read more
पुण्य तिथि पर विशेष स्वप्निल संसार’ समाचार । भवानी प्रसाद मिश्र हिन्दी के प्रसिद्ध कवि तथा गांधीवादी विचारक थे। भवानी प्रसाद मिश्र दूसरे तार-सप्तक के प्रमुख कवि हैं। मिश्र जी विचारों, संस्क... Read more
जयंती पर विशेष स्वप्निल संसार । महादेवी वर्मा हिन्दी भाषा की प्रख्यात कवयित्री हैं। महादेवी वर्मा की गिनती हिन्दी कविता के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभ सुमित्रानन्दन पन्त, जयशंकर प्रसाद... Read more
जॉर्ज अब्राहम ग्रियर्सन “इंडियन सिविल सर्विस” के कर्मचारी थे। भारतीय विद्याविशारदों में, विशेषत: भाषा विज्ञान के क्षेत्र में, उनका स्थान अमर है। सर जार्ज अब्राहम ग्रियर्सन... Read more